पित्ताशय की पथरी: कारण, लक्षण और इलाज
Get In Touch With us
जब हमारे पित्त में कोलेस्ट्रॉल जमने लग जाता है तो ये कुछ छोटे छोटे पथरों के रूप में उजागर होने लग जाता है| ये स्थिति हमरे पित्त के लिए बिलकुल भी सही नहीं है| आपको जैसे ही लगे की आप पथरी के कुछ लक्षणों का सामना कर रहे हो, वैसे ही तुरंत आपको डॉक्टर के पास जाना चाहिए|
डॉ संजीव गुप्ता (यूरोलॉजिस्ट) लुधियाना
परामर्श के लिए हमें अभी कॉल करें: 919875971408 , 98534-70000
Map: https://g.page/r/CQ5-qJFeokbtEBA
ध्यान देने जनक बात
यदि आप पित्त की पथरी का इलाज सही समय पर नहीं करवाते, तो आपको भविष्य में ऑपरेशन करवाना पड़ सकता है| इसलिए, यहाँ ‘ देर आये दुरुस्त आये‘ वाली कहावत सटीक नहीं बैठती|
पित्त का हमारे शरीर के लिए क्या महत्व है?
पित्त के बिना पाचन क्रिया की शुरुवात नहीं हो सकती| यदि आप सोच रहे है कैसे? तो ध्यान दीजिये:
गॉल ब्लैडर और लीवर के मध्य बाइल डक्ट नामक एक छोटी सी नाली होती है| यह नली गॉलब्लेडर को पित्त तक पहुँचाने का काम करती है| जैसे ही व्यक्ति के शरीर में भोजन जाता है वैसे ही यह नाली पित्त को एक छोटी आंत के उपयुक्त हिस्से में भेज देती है| यहाँ से आरम्भ होती है पाचन क्रिया|
खाना पचने के लिए हमे Bile जूस की आवशयकता होती है, ये Bile जूस लिवर में बनता है और पित्ताशय का काम होता है की इसे भोजन से पहले संग्रहित करना, जिस कारण से भोजन से पहले ये पित्ताशय पूर्ण रूप से भरा होता है| भोजन के बाद , पित्ताशय बिलकुल खाली हो जाता है क्योंकि इसके द्वारा संग्रहित किया गया जूस भोजन को पचाने के लिए काम आता है| इस लिए पित्ताशय लिवर के नीचे पाया जाता है|
पित्ताशय की पथरी कैसे बनती है?
जब Bile जूस पूरी तरह से पित्ताशय से खाली होने में असमर्थ होता है, तो ये तरल पदार्थ कठोर रूप में पित्ताशय में जम जाते है| जब पित्ताशय की पथरी
का जन्म होता है, तो यह आकार में बहुत ही छोटी होती है| परन्तु जैसे ही इस पथरी पर लंबे समय तक ध्यान नहीं दिया जाता, तो इसका आकर बहुत तेजी से बढ़ने लगता है| जितना बड़ा आकर होगा, उतना ज़्यादा दर्द और असहजता होगी|
लक्षण
निम्नलिखित लक्षण पित्त की पथरी के संकेत देते है:
कृपया ध्यान दें:
यह ज़रूरी नहीं की पित्त की पथरी हमेशा लक्षणों के माध्यमम से संकेत दे| कई बार ऐसा भी होता है की की पथरी के कोई भी लक्षण नहीं होते पर फिर भी ये मनुष्य के शरीर को कष्ट देना आरम्भ क्र देती है|
चलिए जानते हैं, ऐसे ही कुछ लक्षणों के बारे में:
- बदहजमी
- खट्टी डकार
- उल्टी
- बहुत ज़्यादा पसीना आना
- पेट फुलाना
- एसिडिटी
- पेट में भारीपन
डॉक्टर से सलाह लें
आपको अपने डॉक्टर से मश्वरा करने के बारे में सोचना चाहिए यदि आप निचे दिए गए किसी भी लक्षण का सामना करते हैं:
- यदि आपके पेट में इतना दर्द हो रहा है की आप एक पद में लेटने से असमर्थ हो रहे है|
- यदि आपकी चमड़ी और आँखों के अंदर का रंग पीला हो रहा है|
- यदि आपको बुखार है और बोहत ही ज़्यादा ठंण्ड लग रही है|
कारण
पित्ताशय की पथरी निम्नलिखित कारणों की होंद में मनुष्य को परेशान करना शुरू कर देती है:
मधुमेह | Diabetes |
मोटापा | Obesity |
गर्भधारण | Pregnancy |
मोटापे की सर्जरी के बाद | Post bariatric surgery |
कुछ दवाओं का सेवन | Intake of the prescribed and the non prescribed medications |
लंबे समय से किसी बीमारी के ग्रस्त होने के कारण | Prolonged Illness |
उपर्युक्त लिखे कारणों के इलावा, निम्नलिखित खाद्य पदार्थों का ज़रूरते से अधिक उपयोग भी हानिकारक होता है:
बेकरी उत्पाद:
बेकरी उत्पादों का ज़रूरते से अधिक उपयोग सेहत के लिए हानिकारक होता है क्योंकि इन पदार्थो में ज़्यादातर सैचुरेटेड और ट्रांसफैट की मात्रा अधिक होती है| इसके इलावा ये पदार्थ, मैदे से बने होने के कारण शरीर पर अनुचित प्रभाव डालते है|
अधिक प्रोटीन भी खतरनाक होते है:
अति प्रत्येक चीज़ की बुरी होती है| यदि आप अपने भोजन में अधिक नेत्र में मास खाना पसंद करते है तो कृपया उसे थोड़ा काम कर दीजिये|
क्या आप जानते है?
मास खाने से होने वाली पथरी अधिकतर निम्नलिखित किस्मों में उजागर होती है:
कैल्शियम स्टोन
यूरिक एसिड स्टोन
पथरी के प्रकार
पित्ताशय की पथरी निम्नलिखित प्रकार की होती है:
कोलेस्ट्रॉल पथरी | ये पथरी का रंग पीला होता है, जो की अपच पदार्थों के संगठन से बनती है| |
पिजन पथरी | ये पथरी BILIRUBIN LEVEL के बढ़ने से बनती होती है| शुरुवात में यह बेहद ही छोटे और गहरे रंग की होती है| परन्तु यदि बहुत समय तक इसका इलाज न करवाया जाये, तो इसका आकर बढ़ जाता है| |
निम्नलिखित लोग बचके रहे:
- औरतें और लड़कियां
- ४० साल से निचे के लोग
- मोटापाग्रस्त लोग
- गर्भवती महिलाएं
- खून की बीमारियां
- पौष्टिक खाना न खाना
पित्ताशय में पथरी को रोकने के बचाव :
- आहार
गाजर और ककड़ी का रस | दिन में दो बार पीने |
नींबू का रस | सुबह खाली पेट |
नाशपाती | खूब खायें |
हल्दी | रोजाना एक चम्मच |
यदि आप निम्नलिखित चीज़ें अपने आहार में शामिल करेंगे तो आप पित्त में पथरी बनने से रोक सकते है:
क्या आप जानते है?
नाशपाती में पाये जाने वाले रासायनिक तत्वों से पित्ताशय के रोग दूर होते हैं।
- अंडा न खाएं
डॉक्टरों के अनुसार यदि आप पित्त की पथरी से प्रभावित है तो आपको अंडे का सेवन अधिक मात्रा में नहीं करना चाहिए| अंडे में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बहुत अधिक होती है| और कई बार बिले जूस की कमी के कारण सम्पूर्ण कोलस्ट्रोल पाचन मानव शरीर के लिए मुश्किल हो जाता है जो की अंत में पित्ताशय की पथरी को जनम देता है|
- योग और व्यायाम से दूर न भागें
शरीर के अच्छे स्वास्थ्य के लिए यह जरूरी है की आप निरनतर योग करें| यदि आप अपने शरीर को लम्बे समय के लिए ACTIVE नहीं रखते तो पित्ताशय तो क्या और भी कई अंगों में समस्या आने लग जाती है|
सारांश
पित्ताशय की पथरी बहुत ही दर्दनाक स्थिति को जन्म देती है जिससे पथरी-पीड़ित व्यक्ति अपने रोज-मर्रा के काम करने में दिक्कत का सामना करता है| यह समस्या आज कल हर उम्र के व्यक्ति में पायी जाती है| इसलिए जैसे ही आपको इस पथरी के संकेत दिखे वैसे ही आप डॉक्टर से संपर्क करें| नहीं तो यह समस्या बढ़ सकती है|