प्रोस्टेट कैंसर क्या है? आपको प्रोस्टेट कैंसर की स्क्रीनिंग कब करवाने चाहिए और वह कैसे होती है ?
क्या है प्रोस्टेट कैंसर?
प्रोस्टेट कैंसर पुरुषों में पाया जाता है | प्रोस्टेट एक अखरोट के रूप में होता है जो की वीर्य बनता है शुक्राणु (स्पर्म) की सेहत को सही रखता है | जिन पुरषों को प्रोस्टेट कैंसर की प्रॉब्लम है उनमे इसका विकास बहुत ही है या कह सकते है की वह सिमित हो जाता जाता है | कई पुरषों में चिकत्सा की ज़रुरत नहीं होती और कई बार स्थिति इतनी गंभीर हो जाती है की आपको डॉक्टर सहायता लिए बिना गुज़ारा नहीं होता है | Prostate cancer surgery in Punjab की सहायता तब अधिक बढ़ जाती है जब आपकी स्थिति में कोई सुधर नहीं अत या फिर कैंसर किसे दूसरे अंग में जा चूका होता | इस लिए यह भी ज़रूरी है की आप समय रहते ही स्क्रीनिंग करवानी शुरू कर दे |
क्या मुझे प्रोस्टेट कैंसर की जांच पहले ही करवा लेने चाहिए ?
जैसे की हम सब जानते है की सही समय पर डॉक्टर से परामर्श करके आपकी स्थिति बेहतर हो सकती या या कह सकते है की कैंसर सा सही समय पर पता लगया जा सकता है | तो यह समझ लें की इसकी जांच आवश्यक और सहायक है | जब आप यह स्वतः जीवन जी सकते है | के केसेस में प्रोस्टेट कैंसर बहुत ही तेज़ी बढ़ता है और उनको अदीख खतरा होता है, इसी लिए स्क्रीनिंग करवाना बहुत ही ज़रूरी है |
यह समझना भी ज़रूरी है की स्क्रीनिंग में लगने वाली लागत , खतरनाक कैंसर की मुकाबले कुछ नहीं है |
प्रोस्टेट कैंसर के चेतावनी के संकेत क्या हैं?
- जलन और पेशाब में दर्द
- मूत्र में रक्त (हेमट्यूरिया)
- वीर्य में रक्त
- पेशाब करने और रोकने में कठिनाई
- रात में बार–बार पेशाब करने की इच्छा होना
- मूत्राशय के नियंत्रण में कमी
- मूत्र प्रवाह में कमी
- इरेक्टाइल डिसफंक्शन
- दर्दनाक स्खलन
किस स्थिति में आपको जांच करवाना ज़रूरी है ?
आपको जांच करवाने की आवश्यकता तभी है जब :
- 40 वर्ष – अगर आपका पारिवारिक इतिहास है
- 45 वर्ष – यदि आप अफ्रीकी अमेरिकी हैं
- 50 वर्ष – यदि आपका पारिवारिक इतिहास नहीं है और आप अफ्रीकी अमेरिकी नहीं हैं
- 55-69 वर्ष – अपने डॉक्टर से चर्चा करें |
- 70 वर्ष – साल से अधिक के लोगों को स्क्रीनिंग की सिफारिश नहीं की जाती है
इसके इलावा आपको फिर भी डॉक्टर से स्क्रीनिंग करवानी बहुत ही ज़रूरी है , यह जानने के लिए आपको क्या करना चाहिए और नहीं |
स्क्रीनिंग कैसे होता है?
2 तरह के परीक्षण चलन में है :
- प्रोस्टेट स्पेसिफिक एंटीजन टेस्ट – जो की ब्लड टेस्ट से किया जाता है |
- फ्री पीएसए परीक्षण (<25% फ्री पीएसए कैंसर होने का अधिक खतरा दिखाता है)
- पीएसए वेग या समय के साथ वृद्धि की दर (तेजी से वृद्धि का मतलब अधिक खतरा होता है )
- पीएसए घनत्व, या पीएसए पर वॉल्यूम प्रोस्टेट की मात्रा (उच्च घनत्व का अर्थ है अधिक खतरा)
- पीएसए – आधारित मार्कर (उदाहरण के लिए प्रोस्टेट हेल्थ इंडेक्स, 4K स्कोर)
- डिजिटल रेक्टल एग्जाम (DRE) हाथ से|
यदि ऊपर दिए गए किसी भी टेस्ट से प्रोस्टेट कैंसर का संदेह है, तो इसकी पुष्टि इनके द्वारा की जाती है:
- बायोप्सी
- अन्य मार्कर, यूरिनरी PCA3 टेस्ट
- प्रोस्टेट का एमआरआई